फूडः लजीज व्यंजनों के लिए मशहूर कानपुर के प्रमुख स्थान

कानपुर शहर यूपी के सबसे बड़े शहरों में से एक है। अन्य शहरों के मुकाबले यहां रहना थोड़ा बहुत सस्ता है। ऐसा मुझे लगता है। हर वर्ग के रहने और फलने फूलने का बेहतर माहौल उपलब्ध कराता है। अमीर हो या गरीब सभी के लिए यहां अवसर उपलब्ध रहते हैं। हालांकि अब शहर का रुतबा पहले जैसा नहीं रहा। लेकिन दिल आज भी उतना ही बड़ा है। सस्ता और स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेना हो तो कानपुर से अच्छी जगह शायद ही कोई और हो। हर सड़क और चैराहे पर आपको भोजन की व्यवस्था मिल जाएगी। सामान्य थाली हो या पूड़ी सब्जी, जलेबी हो या समोसे। यहां पर हर प्रकार का जायका आपके लिए हमेशा तैयार मिलेगा। और वो भी आपके बजट के मुताबिक। 

जब भी आप कानपुर आएं और आपको भूख लगी हो तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। कानपुर सेंट्रल पर उतरने के बाद आपको रेलवे स्टेशन के दोनो तरफ खाने के अच्छे अच्छे होटल आसानी से मिल जाएंगे। जहां आपकी इच्छानुसार भोजन उपलब्ध रहता है। इसी प्रकार झकर कटी बस स्टैंड पर उतरते हैं तो भी आपको पेट पूजा करने के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। सबकुछ आपके करीब ही होगा। जहां लजीज भोजन आपके लिए हर समय तैयार रहता है। पहले बात करते हैं। कानपुर सेंट्रल उतरने पर कहां कहां आपकों अपनी इच्छानुसार भोजन मिल सकता है। 

सेंट्रल के दोनों साइड (कैंट... प्लेटफार्म नंबर एक की तरफ और सिटी... प्लेटफार्म नंबर नौ की तरफ) खाने के बेहतरीन होटल मौजूद हैं। वो भी बस कुछ ही कदम की दूरी पर। स्टेशन परिसर से निकलते ही होटल आपके सामने होंगे। पहले बात करते हैं। कैंट साइड की। जब आप कैंट साइड की ओर निकलें तो वहां पर बिरयानी से लेकर रोटी दाल चावल तक आपको आसानी से मिल जाएंगे। वो भी अन्य शहरों की तुलना में बेहद सस्ता और स्वाद से भी बेजोड़। बिरयानी के लिए आप स्टेशन परिसर से निकलने पर (रेल बाजार) मिलने वाली सड़क के दाई और जा सकते हैं। 


जबकि शाकाहारी और दाल चावल और रोटी आदि के लिए बांई तरफ जा सकते हैं। कुछ ही कदम पर होटलों की श्रृंखला आपको नजर आएंगी। जहां पर आप आसानी से पेट पूजा कर सकते हैं। आप अकसर दूसरे शहरों में जाते होंगे। तुलना करने पर आप यहां के भोजन का स्वाद और इसके लिए अदा की जाने वाली कीमत से खुश होंगे। क्योंकि मेरी नजरों में अबतक इतने कम दामों में इतना लजीज भोजन खाने का अवसर कहीं और प्राप्त नहीं हुआ है। शायद आपको भी यही अहसास हो। इन हाटलों की दूरी स्टेशन से इतनी है कि आपको यदि दो ढाई घंटे ट्रन का इंतजार करना हो तो आसानी से वहां जाकर भोजन कर सकते हैं। 

इससे आपकी जेब पर ज्यादा भार भी नहीं पड़ेगा और फिजूल खर्ची भी बचेगी। अब बात करते हैं सिटी साइड की। स्टेशन परिसर से निकलते ही (घंटा घर) आपको खाने की  होटलें दिखनी शुरू हो जाएंगी। यहां पर आप शाकाहारी भोजन का कम कीमतों पर आनंद ले सकते हैं। अकसर होता ये है कि दूसरे शहरों में जहां रेलवे स्टेशन के करीब भोजन के दाम ज्यादा होते हैं और खाने की गुणवत्ता भी उसके अनुरूप नहीं रहती, वहीं कानपुर एक ऐसा शहर है जहां खाने की कम कीमत होने के बाद भी भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाता है। खाना भी आपको लजीज मिलेगा। 

कुछ कदम आगे चलने पर आपको घंटाघर चैराहा मिलेगा। चैराहा पार करते ही दोबारा आपको खाने की होटलों की श्रृंखला दिखेगी। जहां आप अपना मनपसंद शाकाहारी भोजन करत सकते हैं। ये जगह स्टेशन से ज्यादा दूर भी नहीं हैं। ऐसे में आप भोजन करने के बाद आसानी से दोबारा स्टेशन जा सकते हैं। इसके लिए आपको कोई सवारी लेने की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

झकरकटी बस स्टैंड पर उतरने पर भी आपको भोजन के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। यहां पर बस स्टैंड के द्वार से बाहर निकलते ही खाने की कई होटले दिखेंगे। जहां आप शाकाहारी भोजन कर सकते हैं। यहां देर रात तक यात्रियों की सुविधा के लिए खाने का बंदोबस्त रहता है। और झकर कटी बस स्टैंड भी कोई छोटा मोटा बस स्टैंड नहीं है। यह बहुत बड़े आकार में बनाया गया है। प्रदेश के बड़े बस अड्डों में से एक हैं। यहां पर आप सुबह पहुंचते हैं तब नाश्ते के लिए पूड़ी सब्जी आसानी से मिल जाएगी। लगभग सभी हाटलों पर सुबह नाश्ते के रूप में पूड़ी सब्जी मिलती है। इसके साथ जलेबी, दही का भी इंतजाम रहता है। 

कानपुर में कई अन्य स्थान भी हैं, जहां पर आप लजीज व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। आप फास्ट फूड के शौकीन हैं तो माॅल रोड आपके लिए सबसे बेहतरीन हैं। यहां पर आपको बेकरी से जुड़ी तमाम व्यंजन मिल जाएंगे। सभी प्रकार के फास्ट फूड भी मिल जाएंगे। कोल्ड ड्रिंक्स वगैरह भी यहां आसानी से उपलब्ध रहते हैं। आइसक्रीम चाॅकलेट भी आपको हर शाॅप पर मिल जाएगा। लगभग हर समय यहां पर ग्राहकों की भीड़ रहती है। हालांकि यहां पर देर रात आपको दुकानें बंद मिलेंगी। इसलिए दिन में या शाम को यहां पहुंचकर फास्ट फूड का लुत्फ उठाया जा सकता है। इस क्षेत्र में बेहतरीन रेस्टोरेंट की सुविधा भी मौजूद है। जहां आपको अपना मनपंसद जायका लेने का अवसर मिलेगा। साथ ही यह शहर के मुख्य स्थानों में से एक हैं। इससे आपको कानपुर के मिजाज का भी पता चलेगा। 






बिरयानी के शौकीन हैं और आप कुछ स्पेशल खाना चाहते हैं तो आपको रहमानी मार्केट या बेकनगंज के पास पहुंचना होगा। यहां पर आपको नाॅन वेज की हर वरायटी मिलेगी। वो भी कम कीमतों पर। लेकिन स्वाद में कहीं बेहतर। वैसे भी कानपुर की बिरयानी हर जगह फेमस है। कानुपर की बिरयानी के स्वाद का आलम यह है कि हैदराबादी बिरयानी आप एक बार भले ही न खाएं लेकिन यहां की बिरयानी आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। यहां मौजूद होटलों में लगभग हर समय खाने के शौकीनों की भीड़ बनी रहती है। भीड़ के बावजूद भी किसी ग्राहक को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता। दो से चार मिनट के अंदर आपको भोजन सर्व कर दिया जाएग। जिसका जी भर के आनंद ले सकते हैं। 

यहां की मिठाई भी बहुत मशहूर है। घंटाघर से कुछ कदम की दूरी पर ही एक प्रसिद्ध मिठाई की दुकान है। यहां पर मिठाई खरीद सकते हैं। एक मशहूर पेठे की भी दुकान है। जहां दिनभर ग्राहकी जारी रहती है। इसी प्रकार आप ठग्गू के लड्डू नाम से भी परिचित होंगे। इसके लिए आपको पहले परेड या बड़े चैराहा पहुंचना होगा। इसके बाद कोई भी इस दुकान का पता बता देगा। वहां पर भी आप हर किस्म की मिठाई का लुत्फ उठा सकते हैं। आप मूलगंज के पास खोवा बाजार भी जा सकते हैं। यहां पर कुछ खास किस्म की मिठाई बहुत अच्छी बनती हैं। यहां तो त्योहारों के दिनों में ग्राहकों की भीड़ काफी होती है। मिठाई के लिए काफी मशहूर है। 

नाश्ते के लिए घंटाघर चैराहे पर घंटाघर टाॅवर के नीचे ही कई मशहूर दुकानें मिल जाएंगी। यहां पर हर दिन नाश्ते का बेहतीन इंतजाम रहता है। यहां खासकर आसपास की दुकानों या आफिसों में काम करने वाले कर्मचारी पहुंचते हैं। कम कीमतों में लजीज नाश्ते का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां की लस्सी भी काफी मशहूर है। इसका लुत्फ भी ले सकते हैं। कुछ और खाने का मन हो तो पास में ही शाकाहारी होटल मौजूद हैं। ठेले पर छोटे भूटरे वगैरह भी यहां पर आसानी से मिल जाते हैं। ज्यादा इधर उधर भागने की जरूरत नहीं पड़ती। दिनभर लोगों का आना जाना बना रहता है। इसलिए यह जगह लंच और डिनर के अलावा नाश्ते के लिए भी मशहूर है। 

इनके अलावा आपको लगभग हर चैराहे पर खाने पीने की चीजों के ठेले लगे मिल जाएंगे। जहां आप सस्ते में पेट पूजा कर सकते हैं। जीटी रोड पर पड़ने वाले अफीम कोठी चैराहे के पास ढलउवा पुल की तरफ जाने वाले मार्ग पर सुबह पहुंचते हैं तो मशहूर जलेबी और दही खाने का आनंद ले सकते हैं। यहां पर सुबह बड़ी भीड़ रहती है। दूर दूर से लोग यहां पर जलेबी और दही खाने के लिए पहुंचते हैं। लोग अपने साथ जलेबी और दही घर भी ले जाते हैं। बचपन में जब हम स्कूल जाया करते थे, तो इस जगह पर रुककर जलेबी दही का आनंद जरूर लिया करते थे। आज भी वहां पर ऐसा ही है। सुबह टहलने वाले और खाने शौकीनों की भीड़ यहां पर हमेशा बनी रहती है।

पानी के बताशे के लिए आपको बिरहाना रोड या शिवाला जाना चाहिए। यहां पर सबसे बेहतरीन किस्म के बताशे पानी आपको मिल जाएंगे। अब तो कई वरायटियों में ये उपलब्ध रहते हैं। अक्सर यहां पर महिलाओं की भी भीड़ रहती है। इसलिए शहर के बेहतरीन पानी बताशे वाले यहीं पर अपनी दुकान लगाते हैं। ताकि ग्राहकों को बेहतर स्वाद मिल सके और कुछ आमदनी भी हो जाएं। यहां पर ग्राहकों के रूप में आने वालों में ज्यादातर महिलाएं होती हैं। इसलिए यहां पर पानी के बताशे और चाट की बेहतरीन व्यवस्था हमेशा रहती है। इसी प्रकार आप पी रोड पर भी पानी बताशे का आनंद ले सकते हैं, लेकिन कम ही वरायटी मिलंेगी। 






कानपुर में आपको लिट्टी चोखा भी मिल जाएगा। बिहार और पूर्वांचल में काफी मशहूर इस व्यंजन का आनंद लेना चाहते हैं तो झकर कटी बस अड्डे पहुंच जाएं। यहां पर मौजूद पुराना पुल जहां पर नीचे उतरता है, वहां पर कई दुकानें लिट्टी और चोखे की लगाई जाती हैं। जहां पर आप उसी लिट्टी चोखे का आनंद ले सकते हैं, जिस तरह के बिहार या पूर्वांचल में मिलते हैं। इसे बनाने की प्रक्रिया में इसकी पारंपरिक विधि को ही अपनाया जाता है। चोखा जो आलू, बैगन, टमाटर आदि के मिश्रण से तैयार किया जाता है, का स्वाद भी लाजवाब होता है। लिट्टी और चोखा बिहार से चलकर यहां पहुंचा और अब काफी मशहूर हो चुका है। खाने के शौकीन लोग यहां आकर लिट्टी चोखा का आनंद लेते हैं। साथ ही घर भी ले जाते हैं। पूरी तरह से देशी फास्ट फूड है। वो भी सेहत से भरपूर और गर्मा गरम।

अब बाते करेंगे कनपुरिया अरहर दाल की। यह दाल हर जगह पहुंच चुकी है। लोग भी इसे खूब पसंद करते हैं। नाम कनपुरिया होने से ये सिर्फ यहीं पर मशहूर नहीं है। ये लगभग पूरे देश में खासी पहचान रखती है। ग्रामीण इलाकों में तो अब भी कोई अरहर की दाल खरीदता है तो दुकानदार एक बार जरूर पूछता है कि कनपुरिया दाल चाहिए। इसपर ग्राहक भी हां में जवाब देकर अपनी मुहर लगाता है। ग्राहक भी साफ कहता है भई कनपुरिया दाल ही देना। ये उन गांवों में भी अपनी पहचान बनाए हुए है, जहां पर किसान खुद के खेत में अरहर की दाल उगाते हैं। लेकिन कनपुरिया दाल के आगे वो कम ही ठहरती हैं। नाम ऐसे ही नही बन जाता है।

कानुपर में अमीर गरीब सभी को अपनी जेब के अनुसार खाने के अवसर मिलते हैं। चाहे आप बड़े बिजनेस मैन हो या फिर रिक्शा चलाने वाले। सभी के लिए यहां पर अपने हिसाब से अवसर मौजूद रहते हैं। खाने के मामले में भी ऐसा ही है। बड़े बड़े रेस्टोरेंट भी मौजूद हैं और रोड के किनारे लगे ठेले और दुकानें भी हैं। जहां अपनी अपनी सुविधा के अनुसार हम अपने मनपसंद व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं। इस शहर में मजदूर वर्ग का बड़ा हिस्सा रहता है। हालांकि पहले की तरह अब यहां फैक्ट्री वगैरह नहीं रह गई हैं। फिर से यहां पर कभी कारखानों में काम करने वाले मजदूर अब यहीं के होकर रहे गए हैं, जो किसी दूसरे उद्योग धंधों में मेहनत कर रोजी रोटी चलाते हैं। 

वहीं अब खाने पीने की चीजों की होम डिलीवरी भी होने लगी हैं। सस्ती और काफी सुविधाजनक व्यवस्था होने के चलते यह लोगों के बीच अपनी पैठ बना रही हैं। फिलहाल तो यह घर में ही रेस्टोरेंट से खाना मंगाकर खाने के मामले में सस्ता भी पड़ रहा है। शायद अभी इनसे जुड़ी कंपनियां अपने ग्राहक तैयार करने पर ध्यान दे रही हैं। हो सकता हो आगे चलकर इसके लिए ज्यादा भुगतान करना पड़े। फिलहाल तो यह लोगों को काफी पसंद आ रहा है। खासकर युवाओं में यह तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जबसे इंटरनेट डाटा का उपयोग बढ़ा है। इस प्रकार की व्यवस्था बढ़ी है। फिर भी जो बात मित्रों या परिवार के साथ कभी कभी बाहर जाकर खाने में है वो इसमें नहीं मिलती है। 

नाॅनवेज भोजन के मामले में अब कानपुर का सुजातगंज भी अपनी एक अलग पहचान बनाने लगा है। पिछले कुछ सालों के दौरान ही यहां पर लोगों ने खाने पीने की चीजों की दुकानें लगानी शुरू की थी, जो अब काफी मशहूर हो गए हैं। यहां पर अब कई दुकानें हैं, जिनकी फ्रेंचाइजी भी चलने लगी हैं। यहां पर आप बेहतरीन स्वाद और शहर भर में सस्ते नाॅन वेज भोजन का आनंद ले सकते हैं। यहां पर दिनभर ग्राहकी बनी रहती है। शाम के वक्त तो आपको यहां पर व्यंजनों का आनंद लेने के लिए कतार में खड़ा रहना पड़ सकता है। लोग यहां पर खाने के अलावा घर के लिए भी भोजन पैक कराते हैं। जो भोजन की गुणवत्ता दर्शाती है। घर के लिए खाना ले जाने वालों की संख्या भी लगभग उतनी ही होती है, जितने कि रेस्टोरेंट में बैठे खाने का इंतजार कर रहे ग्राहक होते हैं। आने वाले समय में यह और भी मशहूर हो सकता है। 






आप कानपुर दक्षिण अर्थात रामादेवी, श्याम नगर, चिश्तीनगर आदि स्थानों पर रहते हैं और आप फास्ट फूड और मिठाइयों, आइसक्रीम के शौकीन हैं तो श्याम नगर चैराहे के पास आपके शौक पूरे हो सकते हैं। यहां पर कई मशहूर और नामी दुकानें हैं। जहां पर आपको अपनी पसंद की हर चीज ही मिल जाएगी। चाहे आप चाॅकलेट लें या आइसक्रीम या समोसा हर चीज आपके लिए हाजिर होगी। यहां पर आसपास के क्षेत्रों के अलावा शहर के दूर दराज इलाके से भी लोग पहुंचते हैं। अपनी क्वालीटि के लिए भी यहां की दुकानें जानी जाती हैं। यहां मौजूद दुकानों पर दिनभर लोगों की भीड़ रहती है। युवा ग्राहकों की संख्या भी कम नहीं होती है। 

गौरतलब है कि, उत्तर भारतीय भोजन की अपनी अलग पहचान है। यहां एक थाली में दर्जनों वरायटी भले ही न देखने को मिले, लेकिन भूख में क्या सबसे अच्छा लगता है और क्या सबसे बेहतर है, इसमें जरूर शामिल रहता है। यूपी बुहत बड़ा राज्य है। यहां के अलग-अलग क्षेत्रों में भोजन पानी में हल्का हल्का बदलाव देखने को मिलता है। जैसे ही आप पूर्वांचल के बारे में सोचते हैं तो यहां पर रोटी दाल के अलावा चावल भोजन का एक जरूरी हिस्सा समझा जाता है। यह क्षेत्र चावल उत्पादन के लिए भी काफी मशहूर है। जब पश्चिमी यूपी के बारे में सोचते हैं तो वहां पर भोजन में रोटी की ज्यादा अहमियत है। चावल मिले न मिले रोटी जरूर होनी चाहिए। 

कानपुर इन दोनों के बीच में बसा है। अर्थात कानपुर से इलाहाबाद या लखनउ की ओर से बढ़ने के साथ ही पूर्वांचल की शुरूआत हो जाती है। इसी तरह कानपुर से इटावा या अलीगढ़ की ओर बढ़ने पर पश्चिमी यूपी की शुरूआत हो जाती है। अब ऐसे स्थान पर मौजूद होने का लाभ यह है कि यहां पर दोनों ही तरफ की भोजन व्यवस्था एक ही जगह पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है। यहां के भोजन में रोटी, दाल के अलावा आपको बिना कहे चावल भी मिल जाएगा। वो भी हर शहर से सस्ता। शायद कानपुर से सस्ता कहीं भोजन मिलता होगा तो वो है पश्चिम बंगाल का शहर कोलकाता। वैसे भी दोनों शहरों में काफी समानताएं हैं। जो कि इनके इतिहास से पता भी चलता है। 

तो जब भी कानपुर आइए यहां के भोजन का आनंद अवश्य उठाइए। जलेबी से लेकर समोसा तक और खिचड़ी से लेकर बिरयानी तक, सब यहां पर आसानी से उपलब्ध रहता है। कानपुर में खाने के शौकीनों की कमी नहीं है। अब तो यहां पर कई दुकानें ऐसी भी खुल गईं हैं, जहां पर आप विदेशी मिठाइयों का स्वाद भी ले सकते हैं। जिन्हें स्थानीय स्तर पर ही तैयार किया जाता है। लेकिन जो बात यहां के स्थानीय व्यंजनों में है, वो किसी और में कहां मिलता है। कानपुर पहुंचने से लेकर, आपको अपने घर पहुंचने तक सैकड़ो खाने के रेस्टोरेंट या होटल रास्ते में दिख जाएंगे। ये कानपुर है। यहां की बात अलग है। दूसरों से एकदम अलग। शानदार। खुश मिजाज और आनंद देने वाला। और हां, कानपुर की गुझिया खाना कभी मत भूलिएगा। यहां की गुझिया मीठा पसंद करने वालों को खुश कर देगी। 

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