इंडिपेंडेंस कप इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप 2019 का चैंपियन बना 09 वर्षीय लखनऊ का होनहार

''...अरे नहीं... ये क्या... अब तो ये राउंड जीतना काफी मुश्किल होगा। अभी तो पहला ही मुकाबला है, और वो भी कनाडा के खिलाड़ी से। इसकी तो हाइट भी ज्यादा है...।'' नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की भीड़ में बैठा एक शख्श ये बात सोच ही रहा था कि, कैनेडियन फाइटर ने एक जोरदार किक अपने प्रतिद्वंदी के चेहरे पर जमा दिया। किक नाक पर लगी। प्रतिद्वंदी को हल्की चोट आई। रेफरी द्वारा इसे बिना देर किए फाउल करार दिया गया।

''...नहीं, ये कनाडाई खिलाड़ी काफी मजबूत है। अब तो इसने एक किक भी मार दिया है। इससे तो इसका (प्रतिद्वंदी) हौसला टूट गया होगा। अब तो निश्चित ही ये (कनाडाई खिलाड़ी) जीतेगा...।'' इसी उधेड़बुन में भीड़ में बैठा वह शख्स अब निराश सा होने लगा था। ''...हारने पर कितना उदास होगा ये। इसे जीत की कितनी आस थी। बेचारा...। तभी। ''...शाबाश बेटा...! वाह...! शाबाश...!''






अचानक उस उदास होते शख्स की भरे गले से निकलने वाले इन शब्दों में गजब के उत्साह का मिश्रण भी सुनाई दिया। अब खेल बदल गया था। गेम एकदम उल्टा हो चुका था। कनाडाई खिलाड़ी के सामने कम आंके जा रहे उसके कॉम्पिटिटर ने अचानक अपना पलड़ा भारी करते हुए इतने किक जड़ दिए थे कि उसकी जीत अब पक्की हो चुकी थी।

कैनेडियन प्लेयर को वही फाउल भारी पड़ा, जिसमे उसने नाक पर किक किया था, और उसके अंक कट गए थे। अब उसे इसकी कीमत अपनी हार से चुकानी पड़ी थी। भीड़ में बैठे उस शख्श की निराशा अब खुशी में बदल चुकी थी। आसपास मौजूद लोगों के बीच वह खुद को गौरवान्वित महसूस करने लगा था। लोग भी उसे बधाई देने लगे थे।

इस मुश्किल राउंड में जीत के साथ ही इस खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अगले दो फाइट्स में तो उसने अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों को एक अंक बनाने का भी मौका नहीं दिया। कुल तीन फाइटर किड्स को लगातार हराकर लखनऊ का यह 9 वर्षीय बालक अब सब जूनियर वर्ग में विजेता (कुमीते) बन चुका था। ये मुकाबला था, दिल्ली में आयोजित 15वें इंडिया इंडिपेंडेंस कप इंटरनेशनल कराते चैंपियनशिप 2019 का। जिसको अब एक नया चैंपियन ''अलतमश खान'' के रूप में मिल चुका था। 

तालकटोरा इंडोर स्टेडियम नई दिल्ली में इंडीपेंडेंस कप इंटरनेशनल कराटे चैंपिंयनशिप 2019 में अन्य विजेताओं व कोच के साथ अलतमश खान

और हां, भीड़ में बैठा शख्स कोई और नहीं बल्कि अलतमश खान के पिता मेराज खान ही थे, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत हैं। पुत्र की इस उपलब्धि पर वह फूले नहीं समा रहे थे। जल्द ही ये खबर उनके जरिए करीबियों तक भी पहुंच गई। और बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। जो अगले कुछ दिनों तक लागतार जारी भी रहा। ऐसा हो भी क्यों न। ऐसी उपलब्धि किसी किसी को ही  नसीब होती है। 

बहरहाल, बात करते हैं प्रतियोगिता की। यह चैंपियनशिप सीको काई कराटे इंटरनेशनल, इंडिया एंड भारत कराटे एकेडमी (Seiko kai karate international, India and Bharat karate academy) की ओर से नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में 9 से 11 अगस्त के बीच आयोजित की गई थी। इसमें देश विदेश के खिलाड़ियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान खिलाड़ियों की प्रतिभा को देखकर हर कोई तालियां बजाने और शाबाशी देने को विवश नजर आया। 

15वें इंडिया इंडिपेंडेंस कप इंटरनेशनल कराते चैंपियनशिप 2019 के सब जूनियर वर्ग के नए चैंपियन बने अलतमश खान के बारे में कुछ खास जानकारी भी जान लेते हैं। अलतमश ने कराटे का प्रशिक्षण महज एक साल पहले से ही लेना शुरू किया है। और इस दौरान ही उन्होंने चार प्रतियोगिताओं में चार गोल्ड मेडल सहित एक सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिए हैं। कम उम्र में ये उपलब्धी बड़ी बात है। 

तालकटोरा इंडोर स्टेडियम नई दिल्ली में इंडीपेंडेंस कप इंटरनेशनल कराटे चैंपिंयनशिप 2019 में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अलतमश खान

अलतमश ने किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेना इसी साल शुरू किया था। हां, पिछले ही मई महीने से। पहली स्पर्धा लखनऊ  के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में जिला स्तर की थी। पहली फाइट थी, लेकिन आत्मविश्वास से भरे इस खिलाड़ी ने जीत के साथ अपने कराटे करिअर की शुरूआत की। गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद इसी महीने में एक के बाद एक लगातार दो और प्रतियोगिताओं में भी अलतमश ने पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया। 

दूसरी प्रतियोगिता भी लखनऊ में ही हुई। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित यह स्पर्धा स्टेट लेवल कांप्टीशन के सेलेक्शन के लिए था। इसमें भी शानदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल्ड मेडल (काता, कुमीते) जीता। और अपने तीसरे प्रतियोगिता, जो आगरा में होने वाली थी, के लिए अपना नाम पक्का कर लिया। अलतमश के लिए आगरा में होने वाली यह कराटे प्रतियोगिता पहला महत्वपूर्ण और बड़ा मौका था। इसमें हार या जीत काफी मायने रखता था। बहरहाल, कड़ी टक्कर के बाद इस कांप्टीशन में अलतमश को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा था। लेकिन इसने आगे की बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए इस खिलाड़ी को और भी मजबूती और लगन से तैयारी करने को प्रेरित किया।

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फिर शुरू हुआ अलतमश का कड़ा प्रशिक्षण। इसका नतीजा भी जल्द ही देखने को मिला। नई दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में उसने अपना लोहा मनवा लिया। यह अलतमश की चौथी प्रतियोगिता थी। जिसमें गोल्ड मेडल अपने नाम कर वह एक चैंपियन बनकर उभरा। अब आगे की प्रतियोगिता (बिहार) के लिए भी वह तैयारी करने लगा है। 

अलतमश लखनऊ के गोमतीनगर स्थित चैंपियन आफ चैंपियन कराते एकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त करता है। जहां इनके कोच संतोष और कृष्णा सर हैं। इन्हीं के प्रशिक्षण में अलतमश ने चार माह में चार गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिए हैं। प्रशिक्षकों की नजर में भी अलतमश एक शानदार खिलाड़ी है, जो आगे चलकर अन्य बड़ी प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने के प्रबल दावेदारों में से एक है। अलतमश अभी ग्रीन बेल्ट का खिलाड़ी है। इसमें एक डबल प्रमोशन भी शामिल है। 






केवी (केंद्रीय विद्यालय) से पढ़कर लौटने के बाद शाम को साढ़े 6 बजे से अलतमश अपने कराटे एकेडमी पहुंच जाता है, और एक घंटे तक प्रशिक्षण प्राप्त करता है। अलतमश की खासियत उसकी ओरामवाशी और मवाशीगिरी (कराटे का एक मूव) किक है, जो प्रतिद्वंदियों पर भारी पड़ता है। हां, आजकल इंटरनेट पर ट्रेंड में चल रहे बाॅटल कैप चैलेंज को भी वह बेहद आसानी से पूरा कर लेता है। 

स्केटिंग का भी शौक
कराटे के साथ-साथ अलतमश को स्केटिंग का शौक भी है। वह एक कुशल स्केटर नजर आता है। लखनऊ के जनेश्वर पार्क में आयोजित स्केटिंग कांप्टीशन में वह बतौर दर्शक ही पहुंचा था, लेकिन अपने स्केटिंग शूज के साथ। वहां पर भी उसने अपनी इस खासियत से लोगों को प्रभावित किया। इस दौरान वहां मौजूद तत्कालीन कैबिनेट मंत्री और वर्तमान  प्रयागराज (इलाहाबाद) सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी अलतमश से प्रभावित हुईं थीं। उन्होंने अलतमश को शुभकामनाएं भी दी थी। 

सांसद रीता बहुगुणा जोशी के साथ अलतमश

रफाएल अघाएव हैं रोल माडल
मशहूर कराटे खिलाड़ी रफाएल अघाएव अलतमश के रोल माॅडल हैं। यू ट्यूब पर उपलब्ध रफाएल के वीडियोज को वह खूब पसंद करता है। उन्हीं की तरह एक शानदार खिलाड़ी बनने का सपना देखता है। बता दें, रफाएल अघाएव अजरबैजान के मशहूर और बेहद शानदार कराटे खिलाड़ी हैं। इन्होंने 5 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप जीता है। और इसी तरह 11 बार यूरोपियन चैंपियनशिप अपने नाम की है।

रफाएल अघाएव

पढ़ाई में भी अव्वल
अलतमश न सिर्फ एक बेहतरीन कराटे खिलाड़ी है, बल्कि पढ़ाई में भी वह बेहद होशियार है। वह लखनऊ स्थित केंद्रीय विद्यालय का छात्र है और अभी कक्षा 4थी में पढ़ता है। अपनी कक्षा में वह अबतक प्रथम आता रहा है। पढ़ाई के साथ खेल में भी माहिर होना इसकी बड़ी उपलब्धि है। ऐसी प्रवृत्ति कम ही देखने को मिलती है। 

पिता भी थे एथलीट
अलतमश के पिता मेराज खान भी अपनी युवा अवस्था में एथलीट थे। अपने काॅलेज की ओर से उन्होंने कई बार दौड़ और लांग जंप स्पर्धाओं में हिस्सा लिया था। जिनमें उन्होंने भी इंटरमीडिएट स्कूल स्तर की स्पर्धाओं के लांग जंप में गोल्ड (प्रथम स्थान) और दौड़ में सिल्वर (द्वितीय स्थान) अपने नाम दर्ज किए थे। हालांकि बाद में उनका आगे खेलने का सपना किन्हीं कारणों से पूरा नहीं हो सका। वह कहते हैं कि ''अब अलतमश को खेलता देख अच्छा लगता है। जो सपना मैं पूरा नहीं कर सका। उसे यह पूरा करे। यही दुआ है। खेल के लिए मेरी तरफ से अलतमश को पूरा सपोर्ट है। मेरी इच्छा है कि एक दिन अलतमश अपने देश भारत के लिए खेले और गोल्ड मेडल जीते।'' 

पिता मेराज खान के साथ अलतमश

तो अलतमश को बधाई। इसी लगन से आगे बढ़ते रहो और देश और परिवार का नाम रोशन करो। एक दिन इंडिया के लिए खेलो। मेरी शुभकामनाएं। 

एक नजर

  • नाम-मो. अलतमश खान
  • अन्य नाम-लिटिल पैंथर ऑफ द लखनऊ, जूनियर रफाएल
  • आयु-09 साल
  • जन्म स्थान-लखनऊ 
  • वजन-29 किग्रा
  • कुल प्रतियोगिताएं-04
  • इंटरनेशनल चैंपियनशिप-01, गोल्ड (कुमीते)
  • स्टेट चैंपियनशिप-01, सिलवर (कुमीते)
  • स्टेट क्वालीफाइंग चैंपियनशिप-01, गोल्ड (कुमीते) एवं गोल्ड (काता)
  • डिस्ट्रिक्ट चैंपियनशिप-01, गोल्ड
  • रैंक-ग्रीन बेल्ट
  • फेवरेट मूव-ओरामवाशी और मवाशीगिरी
  • एकेडमी-चैंपियन आफ चैंपियन कराते एकेडमी, गोमती नगर लखनऊ, उत्तर प्रदेश
  • कोच-संतोष एवं कृष्णा सर
  • स्कूल-केवी (केंद्रीय विद्यालय लखनऊ) 
  • कक्षा-4थी
  • पिता-मो. मेराज खान (यूपीपी) 
  • निवासी-लखनऊ  (मूल रूप से जिला गाजीपुर उत्तरप्रदेश के ताजपुर कुर्रा ग्राम के निवासी)


एक बात और, अलतमश का माने होता है, 'सेनापति'

आप भी बधाई दे दीजिए। और बच्चों को खेलने कूदने भी दें।
धन्यवाद।

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